Hero Centennial Bike ₹13 Lakh की अनमोल श्रद्धांजलि सिर्फ 100 यूनिट्स में बसी एक भावना
Hero Centennial Bike: हर किसी के जीवन में कुछ चीज़ें सिर्फ मशीनें नहीं होतीं वो हमारी यादों का हिस्सा बन जाती हैं, हमारे रिश्तों की गहराइयों से जुड़ जाती हैं। कुछ ऐसा ही कमाल किया है Hero Motocorp ने अपनी Hero Centennial Bike के साथ। यह बाइक केवल दो पहियों पर चलने वाला एक वाहन नहीं है, बल्कि यह एक श्रद्धांजलि है, एक कहानी है, और एक सपना है जिसे सिर्फ 100 लोगों तक सीमित रखा गया है।
डॉ. ब्रिजमोहनलाल मंज़ल को समर्पित एक विशेष बाइक Hero Centennial

Hero Motocorp ने इस बाइक को अपने संस्थापक और पूर्व चेयरमैन डॉ. ब्रिजमोहनलाल मंज़ल के सम्मान में तैयार किया है। Hero Centennial को केवल 100 यूनिट्स में ही बनाया गया है, और यह अब भारत की सबसे खास और लिमिटेड एडिशन मोटरसाइकल्स में से एक मानी जा रही है। इसकी कीमत ₹13 लाख रखी गई है, जो इसकी खासियत, सीमितता और भावनात्मक मूल्य को दर्शाती है।
Hero Centennial Bike नहीं एक भावनात्मक यात्रा

Hero ने इस बाइक को सिर्फ एक मोटरसाइकल के रूप में नहीं बल्कि श्रद्धांजलि के रूप में पेश किया है। यह बाइक Karizma XMR 210 पर आधारित है, लेकिन हर एक पहलू को और भी खास बना दिया गया है। इसका डिजाइन, परफॉर्मेंस और पावर सब कुछ प्रीमियम और लग्जरी फील देता है।
इस बाइक में 210cc का सिंगल सिलिंडर लिक्विड कूल्ड इंजन दिया गया है, जो 25.5 PS की पावर और 20.4 Nm का टॉर्क देता है। हालाँकि इंजन वही पुराना है, लेकिन बाइक के हल्के कंपोनेंट्स की वजह से इसका कुल वज़न 163.5 किलोग्राम रह गया है यानी हल्का और ज्यादा रिस्पॉन्सिव।
Also Read: BMW 2 series gran coupe 2025 जब परफॉर्मेंस मिले प्रीमियम लक्ज़री से, कीमत ₹43.50 लाख से शुरू
कुछ कहानियाँ जो भावुक कर देती हैं
Hero Motocorp ने इस बाइक की पहली 75 यूनिट्स सितंबर 2024 में 1919 आर्मी के ज़रिए बेची थीं, जिससे लगभग 8.8 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई। उसके बाद की 25 यूनिट्स कंपनी के कर्मियों और कुछ खास लोगों के लिए रखी गईं। अब अंतिम 25 यूनिट्स उन ग्राहकों को दी जा रही हैं जिनका Hero से बेहद पुराना और गहरा रिश्ता है।
बेंगलुरु के निवासी प्रज्वल सेनैया और उनके पिता को यह बाइक मिली है। उन्होंने अपने पिता की 25 साल पुरानी Hero Splendor के साथ बेंगलुरु से प्रयागराज की महाकुंभ यात्रा की और लद्दाख तक का सफर भी तय किया। उनके लिए यह बाइक सिर्फ एक तोहफा नहीं, बल्कि उनके पिता पुत्र के रिश्ते की गहराई और Hero के साथ उनकी भावनात्मक यात्रा की पहचान है।
इसी तरह मैंगलोर के विपिन चंद्रा को भी यह बाइक मिली है। उन्होंने 17 साल तक Hero Karizma चलाई और अब यह नई बाइक उनके लिए एक भावना बन चुकी है, एक कहानी जो उन्होंने Hero के साथ जी है।
एक नया मुकाम, एक नई पहचान
Hero Centennial सिर्फ बाइक नहीं है, यह एक “स्मृति की सवारी” है। यह उस समय की याद दिलाती है जब बाइक एक ज़रूरत से ज़्यादा एक साथी हुआ करती थी। यह हर उस इंसान की कहानी कहती है जिसने Hero की किसी बाइक के साथ अपने जीवन के अनगिनत पल जिए हैं।
इस बाइक का डिज़ाइन मॉडर्न है, इसकी परफॉर्मेंस जबरदस्त है, और इसकी हर एक बात में वो गहराई है जो इसे आम मोटरसाइकल्स से अलग बनाती है। Hero ने यह साबित कर दिया कि तकनीक और भावना जब मिलती हैं, तो एक नई किंवदंती जन्म लेती है और Hero Centennial वही किंवदंती है।
Hero Centennial एक ऐसी बाइक है जो मशीन से कहीं ज्यादा है यह एक श्रद्धांजलि, एक भावना और एक इतिहास है जिसे सिर्फ कुछ ही लोग अपनी जिंदगी में महसूस कर पाएंगे। अगर आप उन भाग्यशाली लोगों में से एक हैं जिन्हें यह बाइक मिली है, तो आपने केवल एक वाहन नहीं पाया, बल्कि आपने एक दायरा, एक सम्मान और एक कहानी हासिल की है।